जीवन में शिकायत नहीं आभार देना सीखें।
सर्वप्रथम सभी प्रियजनों को हरेला पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हो ऐसी प्रार्थना मैं भगवान से करता हूँ।
सभी लोगों के मन में यह विचार जरूर होना चाहिए कि चाहे कितनी भी कठिनाई आ जाए मैं आपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटूँगा क्योंकि मुझे अपना लक्ष्य हासिल करना है।
दोस्तों मैंने बहुत बार ऐसे भी इंसान देखें जो हमेशा रोते रहते हैं कि भगवान ने मेरे साथ ही ऐसा क्यों किया जबकि मैंने तो कभी भी किसी का बुरा नहीं किया फिर भी मेरे साथ………..!!
इस प्रकार की शिकायतें करते हैं तो दोस्तों मेरा यही मानना है कि अगर जिंदगी में किसी भी इंसान को कामयाबी हासिल करनी तो सबसे पहले शिकायत करना छोड़ दे।
कामयाबी ऐसे ही नहीं मिलती उसके लिए मेहनत करनी पड़ती और मेहनत इंसान तभी करता है जब उसका उद्देश्य साफ हो कि मुझे ये काम करना है।
इसलिए जीवन में चैलेंज लें ताकि शिकायत करने का मौका ही ना मिले ।
दोस्तों आपको बता दूं कि जीवन में यदि मजबूत बनना है तो चैलेंज लें और ये चैलेंजेज वही इंसान ले सकता है जिसने जिंदगी में बहुत सारी ठोकरें खाई है, जिसने बहुत सारी छोटी-छोटी समस्याओं को पार किया है, असफलताये पाई है।
उदाहरण:- आप सभी ने जरूर देखा होगा कि सड़क किनारे बहुत सारे लोग तंबू लगाकर रहते हैं और अपना गुजारा करते हैं।
उन लोगों के जो छोटे छोटे बच्चे होते हैं उनका इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) बहुत ही मजबूत होता है, क्योंकि उन्होने बचपन से ही ठोकरें खाई है आप देखोगे कि वो कुछ भी खाए सब पाचन हो जाता है और वही एक मिडिल क्लास बच्चा जरा सा कुछ ज्यादा खा ले तो उसकी तबीयत खराब हो जाएगी।
जीवन में शिकायत नहीं आभार देना सीखें।
दोस्तों इस उदाहरण से मैं आपको यह समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि जो ठोकरे हैं ना वो इंसान को अंदर से मजबूत बना देते हैं इसलिए जख्म कहां कहां से मिले हैं इन बातों को छोड़कर जिंदगी में आगे बढ़ते रहें जब तक आपको लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए और जिंदगी में एक बात आप जरूर याद रखना कि सफलता अक्सर उन्हीं चीजों को करने से प्राप्त होती है जिन्हें करना आपको अच्छा नहीं लगता है।
जिंदगी में दोस्तों जो शिकायतें होती है ना वो इंसान की बुद्धि को खराब कर सकती है क्योंकि इससे इंसान के मस्तिष्क में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है जिससे जिंदगी में चीजें जितनी खराब होती है उससे भी ज्यादा खराब लगने लगती है इसलिए अगर शिकायत करनी ही है तो खुद से कीजिए क्योंकि हर इंसान को जीवन में भाग्य से बढ़कर ही मिलता है और अपने फैसले स्वयं भी दीजिए ताकि आपको शिकायत करने का मौका ही ना मिले।
अंत में दोस्तों यही कहना चाहूंगा कि जीवन में शिकायत नहीं आभार देना सीखे जो है उसका सम्मान करें जो नहीं है उसका रोना जिंदगी में कभी ना रोएं।
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